चोपटा। चोपटा खंड के सेम प्रभावित गांवों में लगातार हो रही जोरदार बारिश से करीब 30000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर खड़ी नरमें की फसल खराब होने का अंदेशा हो गया है। खंड के नाथूसरी कलां, शाहपुरिया, शक्कर मंदोरी, नहराना, तरका वाली, माखोसरानी, दड़बा कलां, रुपावास, ढूकड़ा,कैंरावाली लुदेसर, रुपाणा सहित कई गांवों में लगातार हो रही बारिश से नरमे की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है। जमीन में पानी खड़ा होने से नरमे की फसल पूरी तरह से नष्ट होने के कारण किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है। किसानों का कहना है कि ज्यादा बारिश फसलों के लिए नुकसानदक है।
चोपटा खंड में करीब 68000 हेक्टेयर जमीन में खेती की जाती है जिसमें से 10000 हेक्टेयर जमीन सेम के चपेट में है उसमें करीब 20 वर्ष से एक दाना भी नहीं होता है। इसके अलावा करीब 52500 हेक्टेयर जमीन में इस बार 39700 हेक्टेयर में नरमे की फसल, 4500 हेक्टेयर में धान, 1990 हेक्टेयर में बाजरा, 110 हेक्टेयर में मक्का , 14800 हेक्टेयर में ग्वार और 1500 हेक्टेयर में हरे चारे व अन्य फसलों की बिजाई की गई है। गांव शक्कर मंदोरी के किसान सतवीर सिंह, जोनी राम ने बताया कि बारिश से गांव के करीब 15 सौ एकड़ जमीन मैं बारिश के कारण नरमे की फसल खराब होने के कगार पर है।
गांव से सेम नाला गुजरता है उसके टूटने का भी अंदेशा बना हुआ है पिछले वर्ष भी करीब 1000 एकड़ फसल सेमनाला टूटने से खराब हो गई थी। गांव नहराना किसान बंसीलाल, ताराचंद ने बताया कि नहराणा में पूरे गांव के खेतों में पानी भरा है जिससे नरमा और ग्वार बाजरे की फसल डूबने के कगार पर है। नाथूसरी कलां के किसान अनिल कुमार, सुरेश, बलराम, हनुमान सिंह ने बताया कि बारिश के कारण गांव की गलियों में करीब 6 से 7 फुट पानी खड़ा हो गया है और खेतों में धान, नरमे की फसल पूरी तरह पानी में डूब चुकी है यह फसल तो पूरी तरह से खराब हो गई।
इसी प्रकार गांव तरकां वाली, शाहपुरिया और माखोसरानी में फसलों को बारिश से काफी नुकसान हुआ है। गांव दड़बा कला और नाथूसरी चौपटा के बीच सेम नाला टूटने से हजारों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई और सिरसा भादरा रोड पर करीब 1 किलोमीटर में 7 से 8 फीट पानी खड़ा हो गया है जिससे आवागमन करने वाले वाहन चालकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान अपने खेतों से पानी निकालने की जुगत में लगे हुए हैं लेकिन हर रोज बारिश होने से पानी को निकालना मुश्किल हो रहा है उधर सेमनाला टूटने की भी पूरी संभावना बनी हुई है।
किसान सुरेश कुमार, अशोक कुमार, महेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, सहित सैकड़ों किसानों ने सरकार से मांग की है कि जिन गांवों में फसलें खराब हुई है उन गांवों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिलवाया जाए।
सावनी की फसल में सामान्य बारिश से आम तौर पर तो फायदा ही होता है । लेकिन इस बार ज्यादा बारिश होने से फसलों में पानी खड़ा रहने से नरमा , कपास, ग्वार व बाजरे इत्यादि फसलें पूरी तरह से खराब हो गई है। जिससे उत्पादन नगण्य गया है। इस बार शुरुआत में फसल अच्छी दिखाई दे रही थी। कड़ी मेहनत और खर्च के बावजूद भी जब पकने के कगार पर आई तो फसल चौपट हो गई । उनके तो अरमानों पर ही पानी फिर गया ।