मामले में आरोप है कि अभियुक्त मोहम्मद अली अख्तर अंसारी एक नकली नोट के खेप को लेकर 30 सितंबर 2015 को रक्सौल लेकर किसी को डिलीवरी देने आया था और इसी क्रम में वह पकड़ा गया।
मामले में 25 लाख मूल्य की नकली नोट जब्त किया गया था। मामले के अनुसंधान के क्रम में यह पाया गया कि नोट की खेप को विदेश से तस्करी के माध्यम से विदेश से लाया गया था और इसे एक अन्य अभियुक्त नेपाल निवासी मोहम्मद अबी उर्फ नबी मोहम्मद को दिया जाना था। अनुसंधान के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि एक पाकिस्तानी नागरिक सैयद मुहम्मद सफी जो अभी यूएई में रहता है ने इस खेप को भेजा था। गहन छानबीन में एनआईए को मिली जानकारी के बाद इस मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया गया। मोहम्मद अंसारी को आईपीसी की धारा-498ए, 489 व यूएपीए की धारा 16 के तहत उसे दोषी पाया गया।