हेल्दी, सॉफ्ट और पिंक लिप्स अच्छी सेहत का पैमाना माने जाते हैं क्योंकि, शरीर को मिलने वाले पोषक तत्वों की मात्रा और आपके शरीर की हेल्थ अच्छी होने पर उसका एक संकेत होठों पर भी दिखायी देता है। लेकिन, कई कारणों से लिप्स की रंगत डार्क पड़ने होने लगती है और ड्राई लिप्स की भी समस्या बार-बार होने लगती है। किसी पुरानी बीमारी या अल्ट्रा वायलेट किरणों के सम्पर्क में आने से भी डार्क लिप्स की समस्या हो सकती है। वहीं, लोंगों की खान-पान और लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ गलतियों की वजह से भी होठों का रंग काला पड़ने लगता है। यहां पढ़ें कुछ ऐसे कारणों के बारे में जो आपके सुंदर होठों की खूबसूरती चुरा सकते हैं और उन्हें बना सकते हैं डार्क और ड्राई।
कॉस्मेटिक्स से एलर्जी
बाजार में मिलने वाले कमर्शियल लिप केयर प्रॉडक्ट्स में विभिन्न प्रकार के केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है। जब आप खराब क्वालिटी की लिपस्टिक या लिप केयर क्रीम का इस्तेमाल करती हैं तो इससे होठों की त्वचा में एलर्जिक रिएक्शन्स का रिस्क भी बढ़ जाता है। इन केमिकल युक्त प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल से होठों की त्वचा बदरंग होने लगती है और वे काले हो जाते हैं।
स्क्रबिंग की कमी
शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही लिप्स की त्वचा भी नियमित रिन्यू होती है। पुरानी कोशिकाओं के स्थान पर नयी कोशिकाओं का निर्माण होता रहता है, जिससे होठों पर मृत कोशिकाओं की परत भी जमा होती रहती है। इसीलिए, होठों की त्वचा की भी जल्दी-जल्दी स्क्रबिंग करना आवश्यक है लेकिन, ऐसा ना करने से होठों की त्वचा सख्त हो जाती है और उसकी रंगत भी बदलने लगती है। इसीलिए, थोड़े-थोड़े समय बाद होठों को एक्सफॉलिएट करना चाहिए।
दवाइओं के साइड-इफेक्ट्स
डार्क लिप्स की एक बड़ी वजह दवाओं के साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को दी जाने वाली दवाइयां, पेन किलर्स और एंटीबायोटिक दवाओं के साइड-इफेक्ट्स के तौर पर होठों की त्वचा काली हो सकती है और ड्राई लिप्स की भी परेशानी हो सकती है
सिगरेट पीने की आदत
धूम्रपान या स्मोकिंग की आदत के चलते डार्क लिप्स की समस्या हो सकती है। तम्बाकू से निकलने वाला निकोटिन वाला धुआं स्किन में मेलनिन प्रॉडक्शन की प्रक्रिया को प्रभावित करता है जिससे होठों का रंग बदलने लगता है और वे बदरंग, डार्क और भद्दे दिखायी देने लगते हैं।