मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से BA ऑनर्स इन जर्नलिज्म कर रही हूं। मैंने पुरुषों के प्रोस्टिट्यूशन के बारे में सुना तो विश्वास ही नहीं हुआ। इंस्टाग्राम पर चेक किया तो कई प्लेबॉय की ID मिली, लेकिन इसकी सच्चाई का पता लगाना था। इसके लिए मीनाक्षी नाम से एक फेक ID बनाई और जिगोलो से संपर्क करना शुरू कर दिया। इंस्टाग्राम पर प्लेबॉय इन दिल्ली नाम से बनी ID पर अमन मिला। 2 मार्च को उससे मीनाक्षी नाम से चैटिंग शुरू की। असली जिगोलो होने की पुष्टि होने पर कस्टमर बनकर चर्चा की।
खुद को विवाहित बताकर उसे यह विश्वास दिलाया कि मैं पति से खुश नहीं हूं। उसका साथ चाहती हूं। लगातार 12 दिन चैटिंग करने पर अमन ने एक रात का चार्ज 5 हजार रुपए बताया। मैं अब तक उसे भरोसे में ले चुकी थी। एक-दूसरे को पहचानने के लिए VIDEO कॉलिंग की शर्त रखी, तो वह तुरंत मान गया। उसने इंस्टा पर ही VIDEO कॉल किया। कुछ सेकेंड बाद ही मैंने पति के लौटने का बहाना बनाकर उससे जल्द मिलने का कहकर कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।
छात्रा के पूछने पर युवक ने एक रात का चार्ज 5 हजार रुपए बताया।
अमन ने बातचीत में बताया कि उसकी फाइनेंशियल कंडीशन ठीक नहीं है। इस वजह से गर्लफ्रेंड उसे छोड़ गई। बेरोजगारी के कारण आर्थिक तंगी थी। इस वजह से पत्नी उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती थी। इसीलिए वह जिगोलो बन गया। उसकी कस्टमर बड़े घरों की शादीशुदा महिलाएं तक होती हैं। महिलाएं उससे इंस्टा के जरिए ही संपर्क करती हैं। वह उनसे मिलता है, उन्हें पसंद आने पर ही डील फाइनल होती है, नहीं पसंद आता हूं तो कैंसल। कोरोना ने कस्टमर कम कर दिए हैं। लॉकडाउन से पहले तक उसे काफी कस्टमर मिलती थीं। अब कम हो गई हैं।
मैंने उससे पूछा- ये जॉब छोड़ क्यों नहीं देते? उसका जवाब था- थैंक्स अ लॉट डियर, इतने प्यार से पहले कभी किसी ने बात नहीं की। इस पेशे को छोड़ने की सोचता हूं, लेकिन पैसों की तंगी आड़े आ जाती है। अब फिर सोचूंगा... और छोड़ ही दूंगा।