पड़ोसियों का दावा है कि पिटबुल के हमले में सुशीला का मांस आ गया था, जिसे पिटबुल ने खाया भी है। पिटबुल से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पड़ोसी ने आगे कहा, 'सुशीला त्रिपाठी चीख रही थी, हम लोग पिटबुल पर पत्थर मारने लगे, लेकिन वह रुका नहीं और मांस को खाता रहा। करीब एक घंटे तक हम लोग पत्थर मारते रहे, इसके बाद वह सुशीला की बॉडी को खींचकर अंदर ले गया. तकरीबन एक घंटे तक बुजुर्ग महिला को कुत्ता नोचता रहा। पड़ोस में रहने वाली महिला ने बताया कि वह एक घंटे तक अपनी मालकिन को नोचता रहा, लगता है कि वह आदमखोर हो गया है। 'पिटबुल इतना खतरनाक है कि वह कभी बाहर नहीं निकलता था। घर के अंदर रहता था, आज जब उसने अपनी मालकिन पर हमला किया तो हमने पत्थर मारे, लेकिन वह रुका नहीं, वह एक घंटे तक अपनी मालकिन पर हमला करता रहा।
दूसरी तरफ जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि महिला को पास के अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। महिला अपने छोटे बेटे के साथ रहती थी। परिवार के पास पिटबुल सहित दो पालतू कुत्ते थे, इसमें से पिटबुल ने उन पर हमला किया था। कैसरबाग के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) योगेश कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, "बंगाली टोला इलाके की सुशीला त्रिपाठी (82) पर उनके पालतू कुत्ते ने हमला किया था, जिससे उनकी अस्पताल में बाद में मौत हो गयी थी । हम लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ।"
लखनऊ नगर निगम की एक टीम बुधवार सुबह त्रिपाठी के आवास पर पहुंची लेकिन वहां ताला लगा मिला। निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने कहा, "हमारी टीम घर में यह जांचने के लिए गई थी कि क्या परिवार के पास पालतू जानवर के रूप में पिटबुल कुत्ते को रखने का लाइसेंस है। लेकिन घर में ताला लगा होने के कारण यह पता नहीं चल सका।" अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्हें उक्त कुत्ते के वर्तमान ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं है, और वे इस बारे में महिला के बेटे से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।